सावन शिवरात्रि 2023 (Sawan Shivratri 2023): तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, व्रत में क्या खाएं

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सावन शिवरात्रि 2023 / Sawan Shivratri 2023: सावन शिवरात्रि हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहारों में से एक है। यह हर साल सावन के महीने में भारत, नेपाल व अन्य हिन्दू देशों/लोगों में मनाया जाता है। यह त्योहार सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। जैसा की हमने अन्य लेख में पढ़ा कि हिन्दू परंपरा के अनुसार सावन का महिना भगवान शिव ओर पार्वती माता को समर्पित माना जाता है, इस दिन भगवान शिव एवं पार्वती माता का विविह हुआ था। सावन शिवरात्रि के दिन को भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए विशेष रूप से उपयुक्त व फल दायक माना जाता है।

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बहुत से शिव भक्त इस दिन शिवरात्रि व्रत भी रखते हैं, मान्यता है की शिवरात्रि व्रत करने से भक्त को सभी सुख-समृद्धि व शिव-पार्वती के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

यह पूजा सती देवी के पति भगवान शिव को समर्पित है और इसे भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह लोगों के बीच आपसी भाईचारे और सौहार्द को मजबूत करने का एक अवसर भी प्रदान करता है। इस लेख में, हम आपको सावन शिवरात्रि 2023 के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे, जिसमें इस त्योहार की तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और व्रत में क्या खाना चाहिए शामिल होगा।

Sawan Shivratri 2023
Sawan Shivratri 2023

सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2023) क्यों मनाई जाती है?

हिन्दू धर्म में हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। शिवरात्रि मनाने के पीछे कई मान्यताएं परचलित हैं।

फाल्गुन महाशिवरात्रि के दिन भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था, हिन्दू धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है। इसलिए इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।

ये भी मान्यता है कि जब देवता और राक्षसों ने समुद्र मंथन अमृत की खोज में किया था, तो तब मंथन से विष निकला था। इस विष को स्वयं भगवान शिव ने पी कर उसे अपने कंठ में रोक लिया था, जिस वजह से उनके गले में भयंकर जलन हुई थी ओर उनका शरीर नीला पड़ गया था। तो उनकी इस जलन ओर विष के प्रभाव को कम करने के लिए उनको गंगा जल ओर दूध पिलाया गया ओर उससे नहलाया गया था। इसी वजह से उनको “नीलकंठ” भी कहा जाता है। विष पीकर उन्होंने सृष्टि और देवताओं को बचाया था। तो इसलिए भी शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त यह भी मान्यता है कि जब देवी गंगा पूरे उफ़ान के साथ रोद्र रूप धर कर पृथ्वी पर उतर रहीं थी तब भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में समाया / धरा था। जिस वजह से पृथ्वी का विनाश होने से बच गया था। इसलिए भी इस दिन को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है और इस दिन शिवलिंग का अभिषेक भी किया जाता है।

ऐसी मान्यता भी है कि भगवान शंभू शंकर ने शिवरात्रि के दिन सदाशिव जो कि निराकार रूप है, उससे लिंग स्वरुप लिया था। इसलिए भक्त भगवान शिव की अराधना करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2023(Sawan Shivratri 2023) का महत्व

सावन शिवरात्रि हर साल सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। सावन शिवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में विशेष बताया गया है।

बहुत से शिवभक्त पुरे साल ही मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं, यहाँ बता दें की हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि होती है।

परंतु सावन शिवरात्रि 2023 को रखा जाने वाला व्रत विशेष व्रत होता है। इस दिन किए व्रत को चमत्कारी फल प्रदान करने वाला व्रत बताया जाता है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह व्रत करने से इंसान को उसके जीवन के मोक्ष की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से कन्याओं को अच्छा, गुणी व पराक्रमी बिल्कुल भगवान शिव जैसा गुणशाली पति प्राप्त होता है। यह व्रत शादीशुदा स्त्रियां के द्वारा भी रखा जाता है, ये अपने पति की लम्बी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करती हैं।

सावन में कावड़ यात्रा भी की जाती है भक्त गंगोत्री या हरिद्वार से पैदल लम्बी यात्रा के बाद गंगा नदी से जल लाकर सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर शुभ मुहूर्त में अर्पित करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2023 तिथि (Sawan Shivratri 2023 Date) / Sawan Shivratri Kab Hai (Sawan Shivratri 2023 Kab Hai)

सावन शिवरात्रि हिन्दू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है।

सावन शिवरात्रि 2023 तिथि (Sawan Shivratri 2023 Date) व समय : 15 जुलाई 2023 शाम 8 बजकर 32 मिनट पर शुरू व 16 जुलाई 2023 रात 10:08 मिनट पर खत्म।
सावन शिवरात्रि 2023 (Sawan Shivratri 2023) सुबह पूजा का शुभ मुहूर्त/समय: सुबह 06:24 बजे से सुबह 09:03 बजे तक।
सावन शिवरात्रि 2023 (Sawan Shivratri 2023) दोपहर पूजा का शुभ मुहूर्त/समय: 11 बजकर 30 मिनट से ले कर 02 बजकर 22 मिनट तक ।
सावन शिवरात्रि 2023 (Sawan Shivratri 2023 Shubh Muhurt) रात का शुभ मुहूर्त/समय: 9 बजकर 3 मिनट से रात को लेकर 11 बजकर 30 मिनट रात्री तक।

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सावन शिवरात्रि व्रत (Sawan Shivratri Vrat 2023) दिन: शिवरात्रि व्रत 15 जुलाई 2023 को रखा जाएगा
सावन शिवरात्रि 2023 व्रत खोलने का समय: 16 जुलाई 2023 सुबह 05 बजकर 33 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक।

सावन शिवरात्रि कावड़ यात्रा एवं जल चढ़ने का समय (Sawan Shivratri 2023 Jal Date Time)

Sawan Shivratri 2023 Jal ऊपर बताए गए शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त में से किसी भी समय चढ़ाया जा सकता है।

सावन के महीने में शिव भक्तों में काँवड़ लाने की भी प्रथा है। शिव भक्त गंगा जल गंगोत्री / गोमुख या हरिद्वार ले कर पैदल चल कर अपने क्षेत्र या गाँव के शिव मंदिर में लाकर शिव भगवान शिवलिंग पर चढातें हैं।

दक्षिण हरियाणा में बहुत से भक्त बाहगोत गाँव के प्राचीन शिव मंदिर में काँवड़ से हरिद्वार या गंगोत्री से पैदल जल ला कर सावन शिवरात्रि के दिन चढातें हैं।

काँवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) उत्तर भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण उत्सव या आयोजन है। इसके लिए विभिन्न राज्य सरकारें काँवरियों के आराम, खाने-पीने व पैदल यात्रा के लिए विशेष प्रबंध करती हैं।

जगह जगह लोग काँवरियों की सेवा के लिए खान पान का प्रबंध व भंडारे करते हैं, ताकि उनको इस यात्रा में मुसीबतों का सामना कम से कम करना पड़े।

इस यात्रा के दौरान उत्तरप्रदेश ओर हरियाणा में काँवड़ यात्रा के रास्तों पर धार्मिक सद्भावना (हिन्दू मुस्लिम भाईचारा) के विशेष दर्शन करने को मिलते हैं। बहुत से मुस्लिम यात्रा के मार्ग में काँवड़ियों की सेवा में, खानपान के प्रबंध में जुटे दिखते हैं।

Sawan Shivratri 2023 (Sawan Shivratri 2023): सावन शिवरात्रि 2023 पूजा विधि

सावन शिवरात्रि को शिवालय जाकर भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है। पूजा की विधि निम्नलिखित हो सकती है:

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  • सावन शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएँ। घर की साफ सफाई इत्यादि करने के बाद स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनें। आप नहाते वक्त पानी में थोड़ा गंगाजल अवश्य डाल लें।
  • तांबे या पीतल के लोटे में जल लेकर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
  • अपने मन में ॐ का जप करते हुए मंदिर की सफाई करके फूल इत्यादि के साथ अपनी पूजा की थाली तैयार करें।
  • पूजा सामग्री के रूप में धूतरा(महादेव को विशेष प्रिय है), फल, दूध, भांग के कुछ पत्ते, बेलपत्र, आक के फूल, दही, शहद, पताशे, चन्दन, हल्दी, मिठाई, धूप, देशी घी एक थाली में रखें, इसके साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाने वाला जल भी तैयार करें। आप तांबे/पीतल के लोटे में पानी भर कर उसमें गंगाजल, दूध, फूल, हल्दी और चावल का मिश्रण डालें।
  • आप अपने घर के मंदिर में दीपक जलाएं ओर पड़ोस के भगवान शिव और देवी पार्वती मंदिर में पूजा सामग्री और जल के साथ जाएं। मंदिर जाकर विधिपूर्वक शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और जलाभिषेक करें।
  • शिवलिंग पर धूप व घी का दीपक जलाएं। अपनी थाली में मौजूद सामग्री शिवलिंग पर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करें।
  • इसके अतिरिक्त आप समय की उपलब्धता अनुसार 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ के मंत्र का जप कर सकते हैं। मंत्र जाप करते समय ध्यान रखें कि आपका ध्यान मंत्रों में ही तल्लीन रहे। ऐसी मान्यता है की यदि आप इस मंत्र को ध्यानपूर्वक सच्चे मन ओर श्रद्धा के साथ जाप करते हैं तो आपका व्रत पूर्ण होता है।
  • मंत्र जाप पूर्ण होने के पश्चात भगवान भोले शंकर और माता पार्वती की मूर्ति पर साथ ले जाई गई मिठाई का भोग लगाएं। आप मिठाई की जगह भगवान भोलेनाथ को उनके अत्यंत प्रिय बेर या बेल फल अर्पित कर सकते हैं।
  • मंदिर में उपस्थित सभी लोगों को दोनों हाथों से बेर या प्रसाद वितरित करें।
  • घर आने के पश्चात अपने घर के कोले (दरवाजे के दोनों चोखट या स्तम्भ) पर थोड़ा- थोड़ा जल डालें ओर घर में प्रवेश करें।
  • घर आकर पूजा की थाली मंदिर में रखें, अपने पित्र व इस्ट देवों की पूजा करके आरती करें और आरती के पश्चात सभी को प्रसाद बांटे।
  • अगर व्रत रख रहे हैं तो श्रद्धा के साथ रखें ओर नियमों का पालन करें।

Sawan Shivratri 2023 (Sawan Shivratri 2023): सावन शिवरात्रि व्रत पूजा सामग्री:

पूजा सामग्री के रूप में धूतरा(महादेव को विशेष प्रिय है), फल, दूध, भांग के कुछ पत्ते, बेलपत्र, आक के फूल, दही, शहद, पताशे, चन्दन, हल्दी, मिठाई, धूप, देशी घी एक थाली में रखें इसके साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाने वाला जल भी तैयार करें। आप तांबे/पीतल के लोटे में पानी भर कर उसमें गंगाजल, दूध, फूल, हल्दी और चावल का मिश्रण डालें।

सावन शिवरात्रि 2023 (Sawan Shivratri 2023) व्रत विधि

  • सावन शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएँ। घर की साफ सफाई इत्यादि करने के बाद स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनें। आप नहाते वक्त पानी में थोड़ा गंगाजल अवश्य डाल लें।
  • घर मंदिर की सफाई करें व गंगाजल का छिड़काव करें।
  • सूर्य भगवान को जल अर्पित करके घर के मंदिर में दीपक जलाएं, पूजा करें ओर व्रत का प्रण लें।
  • पड़ोस के मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं व जलाभिषेक करें।
  • शिवलिंग के पास दीपक जलाएं,व चंदन हल्दी का लेप चढ़ाएं व तिलक करें।
  • हाथ जोड़ कर ‘ॐ नमः शिवाय’ जाप करते हुए व्रत रखने का प्रण करें।
  • शिवलिंग पर पूजा सामग्री चढ़ाएं।
  • मंदिर में उपस्थित लोगों को फल या मिठाई बांटें।
  • घर जा कर शिव पार्वती की कथा करें व दिन भर भगवान का मनन करें।
  • शिवरात्रि के दिन श्रद्धा के साथ व्रत करें व दिनभर कुछ अन्न, नमक, लहसुन व प्याज का सेवन ना करें। सिर्फ दोपहर/शाम के समय फलाहार करें।
  • संध्या के समय घी का दीपक जलाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की आरती जरूर करें।
  • शिवरात्रि 2023 में व्रत पारण का मुहूर्त 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है।

Sawan Shivratri 2023 (Sawan Shivratri 2023): व्रत में क्या खाएं

  • आप अन्न, नमक, लाल मिर्च, लहसुन व प्याज का सेवन ना करें।
  • आप नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते हैं।
  • आलू फ्राई करके सेंधा नमक व काली मिर्च का प्रयोग करें।
  • सावन शिवरात्रि व्रत में कुछ विशेष आहार पदार्थ खाए जाते हैं, जो व्रत के नियमों के अनुसार संग्रहीत किए जाते हैं।
  • शिवरात्रि व्रत के दौरान खाए जाने वाले कुछ पकवान:
    • लौकी की बर्फ़ी
    • सिंघाड़ें के आटे
    • केला कटलेट
    • आलू हलवा
    • साबूदाना नमकीन

FAQs

सावन शिवरात्रि 2023 कब की है (Sawan Shivratri 2023 kab hai)? / Sawan Shivratri 2023 kitni tarikh ki hai?

सावन की शिवरात्रि 15 जुलाई को है। यह दिन शिव भगवान और देवी पार्वती को समर्पित होता है।

सावन शिवरात्रि किस तिथि को मनाई जाती है?

सावन शिवरात्रि हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है।

सावन शिवरात्रि का महत्व क्या है?

सावन शिवरात्रि का महत्व भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए विशेष रूप से संबंधित है। इस दिन को मनाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और उनकी कृपादृष्टि से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

सावन शिवरात्रि का व्रत कैसे रखा जाता है?

सावन शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव की पूजा और आराधना के साथ रखा जाता है। व्रत के नियमों के अनुसार, व्रतार्थी को नियमित रूप से उपवास करना चाहिए और व्रत के अंत में भगवान शिव को अर्पण किया जाता है।

सावन शिवरात्रि के दौरान व्रतार्थी क्या खा सकते हैं?

सावन शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव की पूजा और आराधना के साथ रखा जाता है। व्रत के नियमों के अनुसार, व्रतार्थी को नियमित रूप से उपवास करना चाहिए और व्रत के अंत में भगवान शिव को अर्पण किया जाता है।

शिवरात्रि क्यों व्रत क्यों रखा जाता है?

सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इस व्रत को करके कन्याएं अपने लिए गुणशाली वर की कामना करती ह

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